भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज(7 जून 2013)अमरकंटक में,इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लिया|
इस अवसर पर बोलते हुए,राष्ट्रपति ने कहा कि इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय, आदिवासी समुदायों तक शिक्षा कि बेहतर पहुँच की जरूरत को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है|उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों का गैर-सशक्तीकरण,उनके विकास के लिए चलाए गए सभी तरह के प्रयासों में अपेक्षा से कम परिणाम प्राप्ति का एक प्रमुख कारण है| उन्होंने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा तथा उनके कल्याण को बढ़ावा देने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों को सतत और सकेंद्रित प्रयास करने की तात्कालिक आवश्यकता है| उन्होंने आगे कहा कि विकास का लाभ भारत के सबसे अधिक वंचित समुदायों तक पहुंचना चाहिए|
राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी इलाकों के हमारे नागरिकों की सुरक्षा और हिफाज़त सुनिश्चित की जानी चाहिए| उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में बराबर का भागीदार बनाने के लिए सक्षम बनाया जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि इस समय,जब देश एक साथ आगे बढ़ रहा है,यह अत्यंत ज़रूरी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि समाज के सभी वर्ग समावेशी और समतापूर्ण विकास में सहभागी और लाभप्राप्तकर्ता बनें|
इस अवसर पर एक आदिवासी भाषा शब्दकोश जारी किया गया और इसकी प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की गई|
यह विज्ञप्ति 1830 बजे जारी की गई