भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 नवम्बर, 2016) नई दिल्ली में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ थोरएसिक सर्जिअन्स एण्ड इंटरनेशनल कोरोनरी कांग्रेस की बैठक का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल हमारे देश का एक प्राथमिक क्षेत्र है। तथापि बड़ी आबादी के साथ विकासशील अर्थव्यवस्था के मामले में स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं से संबंधित चुनौतियां विकट हैं। आम लोगों के बीच रोकथाम और उपचार के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता पर कार्य करने की जिम्मेदारी डॉक्टरों की है। कैड और दिल का दौरान पड़ने का सामान्य कारण गलत जीवनचर्या अपनाना है। इस प्रकार दिल की बीमारियों से लड़ने में सावधानीपूर्वक कार्य नीति को केंद्र बिंदु बनाना होगा। हमारे स्वास्थ्य लाभ क्षेत्र को न केवल लोगों के उपचार के लिए सुसज्जित करना होगा बल्कि उनका चिकित्सास्थितियों से बचाव संबंधी मार्गदर्शन करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनके विचार से अंतरराष्ट्रीय कोरोनरी कांग्रेस एक बड़ा मंच है जहां हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक उपायों को वैश्विक पहुंच, वहनीय और प्रभावकारी रूप से एक कर उन पर चर्चा की जा सके। ऐसी प्रणाली बनाने के लिए, हमें केवल एक दुरुस्त स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना की आवश्यकता नहीं है, बल्कि प्रशिक्षित और प्रेरित कार्मिकों की भी आवश्यकता है। हम दूसरे देशों में प्रचलित प्रणालियों का अध्ययन कर सकते हैं जो अपनी समस्त आबादी के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करने में सफल रहे हैं। हमारा देश आकार और हमारी आबादी के भौगोलिक प्रसार के कारण अनूठा है। इसलिए हमें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयुक्त समाधान निकालने की आवश्यकता है।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई