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भारत के राष्ट्रपति ने श्री प्रताप पवार को पुण्यभूषण पुरस्कार प्रदान किया

राष्ट्रपति भवन : 26.06.2015

भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (26 जून, 2015)पुणे में आयोजित एक समारोह में श्री प्रताप पवार को पुण्यभूषण पुरस्कार प्रदान किया।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि पुणे शहर की समृद्ध परंपराएं और विरासत संपूर्ण देश के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान व्यक्तित्वोंशहीद भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरुकी स्मृति को मनाने केत्रिदलपुणे के प्रयासों की सराहना की। राजगुरु,पुणे शहर के करीब खेड के निवासी थे, जिसे अब उनके नाम पर राजगुरुनगर कहा जाता है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि उन्हें इस बात की विशेष खुशी है कि यह सम्मान ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों की उपस्थिति में दिया जा रहा है जिन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष की राह में अपनी युवावस्था लगा दी। हमें सदैव अपने स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दी गई कुर्बानियों को कृतज्ञता से याद करना चाहिए। हम अपनी आजादी के लिए उनके ऋणि हैं।

राष्ट्रपति जी ने श्री प्रताप पवार को इस वर्ष पुण्यभूषण पुरस्कार का विजेता बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्री पवार द्वारा सकाल मीडिया समूह के माध्यम से भारतीय मीडिया को,इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास तथा सामाजिक गतिविधियों में दिए गए योगदान के बारे में सभी जानते हैं। पिछले वर्ष भारत के राष्ट्रपति के रूप में मुझे श्री प्रताप पवार को जन सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को सम्मानित करते हुए उन्हेंपद्मश्रीप्रदान करने का सौभाग्य मिला था।सकालके माध्यम से उन्होंने जनता को शिक्षित करने तथा जागरूक करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सूचना के प्रसार के माध्यम से विशाल जनता के बीच जागरूकता पैदा करने में सहायता देता है। यह विचार और विचारधाराओं का निर्माण करता है। लोकतंत्र केवल जनता की,जनता के लिए तथा जनता द्वारा सरकार नहीं है। इसे केवल निरंतर संवाद द्वारा ही संस्थागत किया जा सकता है। मीडिया कुल मिलाकर न केवल लोगों को समुचित सूचना देता है वरन् वह नीति निर्माण और कार्यान्वयन के क्षेत्र में विचारों और विकल्पों को पेश करने का महत्त्वपूर्ण कार्य भी करता है। इस प्रकार मीडिया का स्पेस न केवल लोकतंत्र के संवादको लोगों के समक्ष प्रस्तुत करके वरन् उस संवाद में सक्रिय रूप से भाग लेकर एक कार्यकारी लोकतंत्र के ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।

यह विज्ञप्ति1405बजे जारी की गई।